Monday 12 October 2015

मेडिकल कालेजों को चाहिए 31 कैजुअल्टी मेडिकल अफसर

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-प्रभावित हो रहे भर्ती व मेडिको लीगल जैसे काम
-चिकित्सा शिक्षा ने स्वास्थ्य विभाग से मांगे डॉक्टर
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ
आकस्मिक स्थितियों में पहुंचने वाले मरीजों को भर्ती करने से लेकर उनके मेडिको लीगल तक का जिम्मा संभालने के लिए मेडिकल कालेजों में कैजुअल्टी मेडिकल अफसरों की कमी है। चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय ने स्वास्थ्य विभाग से 31 कैजुअल्टी मेडिकल अफसर मांगे हैं।
प्रदेश के मेडिकल कालेजों से संबद्ध अस्पतालों में इलाज का जिम्मा तो चिकित्सा शिक्षा विभाग संभालता है किन्तु मरीजों को भर्ती करने से लेकर उनके मेडिको लीगल या पोस्टमार्टम जैसे कामों की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग के प्रांतीय चिकित्सा सेवा संवर्ग के जिम्मे है। अस्पतालों में मरीजों के पहुंचते ही उन्हें भर्ती कर उनकी बीमारी को देखते हुए संबंधित विभागों में भेजने की जिम्मेदारी कैजुअल्टी मेडिकल अफसरों की होती है। कई महीनों से मेडिकल कालेज इन चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे हैं। अब चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉ.वीएन त्रिपाठी ने स्वास्थ्य महानिदेशक को पत्र लिखकर मेडिकल कालेजों के लिए 31 कैजुअल्टी मेडिकल अफसर तुरंत उपलब्ध कराने को कहा है। इनमें कानपुर, अम्बेडकर नगर, आजमगढ़, जालौन व सहारनपुर के लिए चार-चार और कन्नौज के लिए तीन चिकित्सक मांगे गए हैं। बांदा में ओपीडी शुरू हो गयी और इनडोर के साथ अगले सत्र में मेडिकल कालेज खोलने की तैयारी चल रही है। बदायूं में भी अगले सत्र से मेडिकल कालेज शुरू करने की तैयारी है। इन दोनों कालेजों के लिए भी चार-चार चिकित्सक प्रांतीय चिकित्सा सेवा से मांगे गए हैं। चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक ने कहा है कि इन चिकित्सकों के न होने से कामकाज प्रभावित हो रहा है। भर्ती, मेडिको लीगल, पोस्टमार्टम जैसे कामों में तो दिक्कत आती ही है, अस्पतालों में चौबीस घंटे रहने वाले रेजीडेंट डॉक्टर भी परेशान होते हैं।
आयोग से मांगेंगे अलग डॉक्टर
प्रांतीय चिकित्सा सेवा के चिकित्सकों को लेकर चिकित्सा शिक्षा विभाग से स्वास्थ्य विभाग की खींचतान चलती रहती है। अब विभाग इस समस्या का भी समाधान चाहता है। चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉ.वीएन त्रिपाठी का कहना है कि प्रांतीय चिकित्सा सेवा से तत्काल चिकित्सक तो मांगे जा रहे हैं किन्तु भविष्य में इस समस्या के स्थायी समाधान की कोशिश भी हो रही है। अब चिकित्सा शिक्षा विभाग लोक सेवा आयोग से अपने लिये अलग कैजुअल्टी मेडिकल अफसर मांगेगा। इसके लिए पद पहले ही सृजित हैं, बस विभाग बदलने की जरूरत है। 

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