Friday 29 April 2016

पॉलीटेक्निक के 33 पाठ्यक्रम बदले, कम्युनिकेशन पर जोर


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-आइआइएम की मदद से बदला डिप्लोमा में पढ़ाई का प्रारूप
-हर विधा के विद्यार्थियों के लिए जरूरी होगा कंप्यूटर का पर्चा
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : उत्तर प्रदेश में पॉलीटेक्निक की पढ़ाई अब नए रूप में होगी। प्राविधिक शिक्षा विभाग ने आइआइएम की मदद से 33 पाठ्यक्रमों में व्यापक बदलाव किया है। कम्युनिकेशन पर पूरे जोर के साथ हर विधा के विद्यार्थियों के लिए कंप्यूटर का पर्चा जरूरी कर दिया गया है।
प्रदेश के पॉलीटेक्निक कॉलेजों में डिप्लोमा के लिए हर साल औसतन 50 हजार विद्यार्थी प्रवेश लेते हैं। इन सभी को रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराने के लिए पाठ्यक्रम में बदलाव की जरूरत महसूस की जा रही थी। इसके लिए लखनऊ स्थित भारतीय प्रबंध संस्थान (आइआइएम) के प्रो.निशांत उप्पल की अध्यक्षता में विषय विशेषज्ञों, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों व प्लेसमेंट अधिकारियों ने मिलकर पाठ्यक्रम में बदलाव को लेकर सुझाव दिये थे। प्राविधिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव मुकुल सिंहल के मुताबिक उद्योगों की मंशा के अनुरूप 33 पाठ्यक्रमों में पुनरीक्षण का काम कराया गया। इन सभी में शैक्षिक सत्र 2016-17 से नए पाठ्यक्रमों के अनुरूप पढ़ाई शुरू हो जाएगी। इसके अलावा एक व दो वर्ष के दस नए पाठ्यक्रम भी तैयार कराए जा रहे हैं, जिन्हें जल्द ही शुरू किया जाएगा। इस बदलाव में कम्युनिकेशन स्किल, पर्सनॉलिटी व लीडरशिप जैसे गुणों को विकसित करने पर जोर दिया गया है। इसके अलावा कंप्यूटर को हर पाठ्यक्रम के लिए अनिवार्य करते हुए एक नया विषय 'इंट्रोडक्शन टू कंप्यूटर' शैक्षिक सत्र 2016-17 से शुरू किया जाएगा।
तेरह साल बाद बदलाव
डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में औद्योगिक मंशा के अनुरूप 13 वर्ष बाद इस तरह बदलाव किया गया है। इसमें इंडस्ट्रियल मैनेजमेंट एंड इंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट विषय की अनुपयोगी विषयवस्तु हटा दी गयी है। इसी तरह अब डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के तीनों वर्षों में कम्युनिकेशन पढ़ाया जाएगा। प्रथम वर्ष में फाउंडेशनल कम्युनिकेशन, द्वितीय वर्ष में फंक्शनल कम्युनिकेशन व तृतीय वर्ष में इंटीग्र्रेटिव कम्युनिकेशन पढ़ाया जाएगा। कम्युनिकेशन पाठ्यक्रमों में यह बदलाव सबसे पहले सिविल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रानिक्स व मैकेनिकल ग्र्रुप के 13 पाठ्यक्रमों में लागू किया जाएगा।
मूल्यों संग समय प्रबंधन
नए विषयों में मूल्यों के संरक्षण के साथ समय प्रबंधन के सूत्र भी पढ़ाए जाएंगे। व्यक्तित्व निखारने के लिए  नए विषयों में फैक्टर्स इन्फ्लुएंसिंग एंड शेपिंग पर्सनॉलिटी, सेल्फ एवेयरनेस, इंटरपर्सनल स्किल्स, बॉडी लैंग्वेजेज स्किल्स को शामिल किया गया है। वहीं लीडरशिप ट्रेट्स एंड स्किल्स, कान्फ्लिक्ट मोटीवेशन एंड रेज्यूलेशन, नेगोशिएशन एंड इन्फ्लुएंसिंग स्किल्स के साथ नेतृत्व क्षमता विकसित की जाएगी। सेवायोजन का पथ प्रशस्त करने के लिए एटीट्यूडस, समय प्रबंधन व साक्षात्कार के तौर तरीके भी पाठ्यक्रम का हिस्सा होंगे। इसके साथ मूल्य आधारित जीवन जीने की सीख देते लाइफ स्किल्स, वैल्यूज कोड एंड एथिक्स को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है।
बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
इन बदलावों से डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों का आत्मविश्वास व मनोबल बढ़ेगा। उन्हें प्रवेश के पहले वर्ष से ही रोजगार व कैम्पस साक्षात्कार के लिए तैयार किया जा सकेगा। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और इन पाठ्यक्रमों की ओर विद्यार्थियों का रुझान बढ़ेगा। -मुकुल सिंहल, प्रमुख सचिव (प्राविधिक शिक्षा)

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