Friday 1 April 2016

'कनेक्टिविटी गॉन, कोषागार आधी रात तक ऑन'


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-वित्तीय वर्ष के आखिरी दिन टूटा आरबीआइ का बंधन
-इलाहाबाद बैंक सर्वर ध्वस्त, दिल्ली सहित छह कोषागार ठप
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ: 'विभागीय अफसर आखिरी दिन के लिए ही सब कुछ क्यों छोड़ देते हैं? जो मशक्कत 31 मार्च को होती है, वह पांच दिन पहले क्यों नहीं हो जाती?' प्रदेश भर के कोषागारों में गुरुवार को रात तक काम में जुटे कर्मचारी-अधिकारी कुछ इसी तरह बड़बड़ा रहे थे। लोड बढऩे के कारण बार-बार कनेक्टिविटी जा रही थी, जिसके कारण आरबीआइ की बंदिश ठुकराकर आधी रात तक कोषागार खोलने का फैसला भी किया गया।
सचिवालय में वित्त विभाग से लेकर जिलों के कोषागारों तक वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन खासी गहमागहमी रही। वित्त विभाग में जितने प्रस्ताव पहुंचे, उन सबको कोषागार तक भेजने की मशक्कत की जाती रही। भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्तीय वर्ष के आखिरी दिन रात आठ बजे तक कोषागारों के संचालन की मंजूरी दी थी। आठ बजते-बजते अधिकांश कोषागारों में बहुत काम बाकी था, इसलिए इसे बढ़ाकर आधी रात तक (रात्रि11:59 बजे) के लिए बढ़ा दिया गया। इस दौरान लोड इस कदर बढ़ा कि बार-बार कनेक्टिविटी भी टूट रही थी। कोषागारों में नेट कनेक्टिविटी बनाए रखने के लिए तिहरी व्यवस्था की गयी थी, किन्तु बदलाव के कारण दिक्कत हो रही थी। इलाहाबाद बैंक का सर्वर ही पूरी तरह ठप हो गया। इस कारण संभल, शामली, हापुड़, श्रावस्ती, सिविल लाइंस इलाहाबाद व नई दिल्ली स्थित कोषागारों में काम दिन भर ठप रहा। हालात ये हो गए कि इलाहाबाद बैंक को पूरा सर्वर ही बदलना पड़ा, तब देर शाम को इन कोषागारों में काम शुरू हो सका।
समाज कल्याण ने छकाया
पैसे हस्तांतरित करने की मशक्कत के आखिरी दिन समाज कल्याण व कोषागार विभागों में ठन गयी। समाज कल्याण विभाग ने लिखित रूप से वित्त विभाग से कोषागार महकमे की शिकायत कर कई जिलों में धन हस्तांतरित न होने की बात कही। इस पर कोषागार विभाग ने मारामारी के बीच दोपहर में ही जवाब दिया। जिसमें कहा गया कि हरदोई में आज ही समाज कल्याण विभाग के अधिकारी सूची लेकर पहुंचे और फिर कनेक्टिविटी की दिक्कत हो गयी। शेष जिलों में सब ठीक रहा। वैसे कोषागार विभाग के एक अधिकारी ने साफ कहा कि समाज कल्याण विभाग ने सर्वाधिक छका लिया। भारी संख्या में लाभार्थी होने के कारण समय अधिक लगा। इसके लिए वित्तीय वर्ष के आखिरी दिन का इंतजार नहीं करना चाहिए। 

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