Thursday 31 March 2016

पिछड़े वर्ग के सभी अनाथ बच्चों को मिलेगी छात्रवृत्ति


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-पूर्वदशम् छात्रवृत्ति नियमावली-
-दो लाख आय सीमा तक के परिवारों के सभी बच्चे दायरे में आएंगे
-छात्रवृत्ति की रकम तीन गुना कर 2250 रुपये करने का फैसला
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : पिछड़े वर्ग के सभी अनाथ बच्चों को नौवीं व दसवीं की पढ़ाई के दौरान छात्रवृत्ति मिलेगी। बुधवार को मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर की गयी 'उत्तर प्रदेश अन्य पिछड़ा वर्ग पूर्वदशम् छात्रवृत्ति नियमावली 2016Ó में यह प्रावधान किया गया है।
कक्षा नौ व दस में पढऩे वाले पिछड़े वर्गों के विद्यार्थियों को अभी 750 रुपये वार्षिक छात्रवृत्ति मिलती थी। नियमावली में इन्हें दस माह के लिए 150 रुपये प्रति माह और वार्षिक तदर्थ अनुदान के रूप में 750 रुपये मिलाकर वार्षिक 2250 रुपये छात्रवृत्ति देने का फैसला हुआ है। अभी तक तीस हजार रुपये वार्षिक से अधिक आय वाले परिवारों के बच्चे इस छात्रवृत्ति के लिए आवेदन नहीं कर सकते थे। अब दो लाख रुपये तक आय वाले परिवारों के सभी बच्चे इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। नियमावली के मुताबिक ऐसे छात्र-छात्राएं जिनके माता-पिता जीवित नहीं हैं, उन सभी को इस छात्रवृत्ति का लाभ मिलेगा। यदि ऐसे बच्चों को किसी संस्था या संभ्रांत व्यक्ति का संरक्षण मिलता है तो उक्त संस्था या संभ्रांत व्यक्ति की आय पात्रता निर्धारण के लिए आधार नहीं मानी जाएगी।
निवास प्रमाण पत्र जरूरी नहीं
नियमावली में छात्रवृत्ति के लिए उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होने की अनिवार्यता तो बताई गयी है किन्तु इसके लिए निवास प्रमाण पत्र की जरूरत से मुक्ति दे दी गयी है। तहसील स्तर से जारी आय व जाति प्रमाण पत्र में अंकित निवास विवरण के आधार पर ही छात्रवृत्ति दे दी जाएगी। अभ्यर्थी के परिवार की समस्त स्रोतों से वार्षिक आय के संबंध में तहसीलदार द्वारा प्रदत्त आय प्रमाण पत्र मान्य होगा किन्तु उसका राजस्व परिषद व ई-डिस्ट्रिक्स की वेबसाइट पर उपलब्ध होना अनिवार्य है।
'ए' से शुरू नाम को फायदा
छात्रवृत्ति वितरण के लिए बनाए गए वरीयता क्रम में बजट की राशि का वितरण ए से जेड तक अल्फाबेटिकल क्रम में किया जाएगा। एक ही अल्फाबेटिकल क्रम होने पर अधिक आयु वाले विद्यार्थी को वरीयता मिलेगी। दोनों चीजें समान होने पर पहले पंजीकरण कराने वाले को ऊपर रखा जाएगा। वरीयता में सबसे ऊपर सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थी होंगे। उनके बाद शासकीय सहायता प्राप्त और फिर निजी संस्थानों का नंबर आएगा। पहले दसवीं और फिर नौवीं के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति मिलेगी।
यह होगी प्रक्रिया
नौवीं व दसवीं के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रबंधन प्रणाली की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। फिर उसका फाइनल प्रिंटआउट निकालकर आवश्यक अभिलेखों के साथ शिक्षण संस्था में जमा करना होगा। संस्था के प्राचार्य की अध्यक्षता में गठित समिति पूरे विवरण को ऑनलाइन सत्यापित करेगी। इसके बाद जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति छात्रवृत्ति को स्वीकृति प्रदान करेगी। इसके बाद पिछड़ा वर्ग कल्याण निदेशक की अध्यक्षता में गठित समिति छात्रवृत्ति का भुगतान सुनिश्चित कराएगी।
अस्वीकृति की भी सूचना
जिला स्तरीय समिति अस्वीकृत किये गए आवेदनों के मामले में कारण भी वेबसाइट पर अपलोड करेगी। इसकी सूचना विद्यार्थी द्वारा दिये गए मोबाइल नंबर पर एसएमएस द्वारा दी जाएगी। सूचना प्राप्ति के 15 दिन के अंदर जिलाधिकारी के समक्ष अपील की जा सकेगी। सुनवाई के बाद जिलाधिकारी द्वारा पारित आदेश अंतिम होगा। इसके अलावा जिलाधिकारी के स्तर पर कम से कम दस फीसद लाभार्थियों का सत्यापन भी कराया जाएगा। 

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