Friday 18 March 2016

शादी अनुदान राशि दोगुनी, आवेदन ऑनलाइन


-सामान्य व अनुसूचित जाति का शासनादेश जारी, पिछड़ों को प्रतीक्षा
-परिवार में अधिकतम दो पुत्रियों के विवाह में मिलेगी मदद
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : अनुसूचित जाति, जनजाति व सामान्य वर्ग के गरीबों की बेटियों के विवाह के लिए अनुदान राशि दोगुनी कर दी गयी है। इसके साथ ही पूरी अनुदान प्रक्रिया अब ऑनलाइन कर दी गयी है।
गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों की बेटियों के विवाह में अभी तक दस हजार रुपये मदद मिलती थी। सामान्य व अनुसूचित जाति-जनजाति के परिवारों के लिए यह जिम्मा समाज कल्याण विभाग का है, वहीं पिछड़े वर्ग के लिए पिछड़ा वर्ग विभाग की जिम्मेदारी है। दोनों विभागों ने सहायता राशि बढ़ाकर बीस हजार करने का प्रस्ताव भेजा था। समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुनील कुमार ने सामान्य व अनुसूचित जाति-जनजाति के परिवारों की बेटियों के लिए सहायता राशि दोगुनी कर बीस हजार रुपये करने का शासनादेश जारी कर दिया है। पिछड़ा वर्ग विभाग को अभी शासनादेश जारी होने का इंतजार है। समाज कल्याण विभाग के शासनादेश में एक अप्रैल से इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन का प्रावधान भी किया गया है। एक परिवार की अधिकतम दो पुत्रियों के विवाह में इसका लाभ दिया जाएगा। पति की मृत्यु के उपरांत निराश्रित व विकलांग महिला को वरीयता दी जाएगी। योजना का लाभ उठाने के लिए अधिकतम वार्षिक आय 56,460 रुपये व ग्रामीण क्षेत्रों में 46080 रुपये निर्धारित की गयी है। वृद्धावस्था पेंशन, निराश्रित विधवा पेंशन, विकलांग पेंशन व समाजवादी पेंशन पाने वालों को आय प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी। अनुसूचित जाति, जनजाति के आवेदकों के लिए तहसील द्वारा ऑनलाइन निर्गत जाति प्रमाणपत्र लगाना अनिवार्य होगा।
यह होगी आवेदन प्रक्रिया
समाज कल्याण विभाग की वेबसाइट पर लॉगइन करके आवेदक को स्वयं सारी जानकारी भरनी होगी। शादी की तिथि के 90 दिन पूर्व से 90 दिन बाद तक ही आवेदन किया जा सकेगा। आवेदन में कोर बैंकिंग सुविधा वाली बैंक शाखा में खाते का ब्योरा भी भरना होगा, ताकि धनराशि सीधे उनके खाते में जा सके। इस आवेदन को डाउनलोड करके हार्ड कापी 30 दिनों के भीतर जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय में जमा करनी होगी।
जिला स्तरीय स्वीकृति समिति
अनुदान स्वीकृति के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति बनाई जाएगी। आवेदन की हार्ड कॉपी जमा होने के सात दिनों के भीतर जिला समाज कल्याण अधिकारी इस आवेदन को जांच के लिए उपजिलाधिकारी या खंडविकास अधिकारी को भेजेंगे। वहां से 15 दिनों के भीतर जांच के बाद आवेदन वापस जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय आएगा। इसके बाद जिला स्तरीय समित अनुदान स्वीकृत करेगी और धनराशि सीधे खाते में चली जाएगी। 

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