Tuesday 8 March 2016

...जिससे मौत के बाद सम्मान के साथ घर तक पहुंचे शव

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-55 जिला अस्पतालों में वातानुकूलित शव वाहनों को मंजूरी
-निजी एजेंसी से अनुबंध कर सुनिश्चित होगा संचालन
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ: अस्पताल में इलाज के दौरान किसी गरीब की मौत के बाद उनके परिजनों को अब शव घर ले जाने की चिंता नहीं करनी होगी। प्रदेश शासन ने 55 जिला अस्पतालों में वातानुकूलित शव वाहन तैनात करने को मंजूरी दे दी है। इनका संचालन सुनिश्चित करने के लिए निजी एजेंसी से अनुबंध किया जाएगा।
अस्पतालों में इलाज के दौरान मौत के बाद अभी मृतक के शव को उसके दूरदराज ग्र्रामीण इलाकों में घर तक पहुंचाने का कोई बंदोबस्त न होने से बेहद दिक्कतें आती हैं। कई बार तो इलाज में ही मरीजों के तीमारदार इस कदर टूट चुके होते हैं कि उनके पास शव ले जाने तक का इंतजाम नहीं होता है। स्वास्थ्य विभाग ने अब सभी जिला अस्पतालों में शव वाहन उपलब्ध कराने का फैसला किया है। इस समय स्वास्थ्य विभाग के पास 55 शव वाहन उपलब्ध हैं। प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) अरविंद कुमार ने इन 55 शव वाहनों को पहले चरण में 55 जिला अस्पतालों में तैनात करने के आदेश स्वास्थ्य महानिदेशक को दिये हैं। इन वाहनों के संचालन के लिए चालक या अन्य बंदोबस्त में दिक्कत न आए, इसलिए इनका संचालन बाहरी सेवा प्रदाता एजेंसी के माध्यम से कराने को कहा गया है। इसके लिए प्रति वाहन दस हजार रुपये प्रति माह संचालन व्यय व दस हजार रुपये प्रति माह ईंधन व्यय के रूप में खर्च करने की अनुमति भी दी गयी है। अगले चरण में शेष जिला अस्पतालों व अन्य बड़े अस्पतालों में भी शव वाहनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
ये हैं 55 जिले
आगरा, फीरोजाबाद, मैनपुरी, अलीगढ़, बरेली, मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, फैजाबाद, कानपुर नगर, इटावा, कन्नौज, लखनऊ, उन्नाव, चित्रकूट, झांसी, आजमगढ़, इलाहाबाद, बस्ती, गोंडा, बलरामपुर, गोरखपुर, मीरजापुर, वाराणसी, मथुरा, एटा, बदायूं, शाहजहांपुर, गाजियाबाद, बिजनौर, अमरोहा, रामपुर, मुजफ्फरनगर, अंबेडकरनगर, बाराबंकी, सुलतानपुर, कानपुर देहात, औरैया, फर्रुखाबाद, हरदोई, सीतापुर, बांदा, ललितपुर, बलिया, मऊ, फतेहपुर, प्रतापगढ़, संतकबीरनगर, बहराइच, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, सोनभद्र, चंदौली, जौनपुर
फोन करिये, पहुंचेगा शव वाहन
प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) अरविंद कुमार ने बताया कि अगले वित्तीय वर्ष में इस योजना को प्रदेश के सभी जिलों में लागू कर दिया जाएगा। इसके लिए एक कॉल सेंटर बनेगा। उसके लिए विशेष नंबर जारी होगा। उस पर फोन करने पर कुछ देर बाद ही संबंधित अस्पताल में शव लेने के लिए वाहन पहुंच जाएगा। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2016-17 के बजट में धन का प्रावधान भी कर दिया गया है। 

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