Friday 18 March 2016

सरकारी दवा फैक्ट्री को जिंदा कर बढ़ाएंगे काम


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-यूपीडीपीएल को मजबूती, दवाएं बनाने व खरीदने का जिम्मा
-शासन स्तर पर प्रस्ताव तैयार, मंत्रिमंडल की मंजूरी का इंतजार
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : प्रदेश सरकार सरकारी अस्पतालों में दवा के आपूर्ति तंत्र को मजबूत करने जा रही है। इसके लिए यूपी ड्रग एंड फार्मास्युटिकल लिमिटेड का जीर्णोद्धार कर उसे दवाओं की खरीद-फरोख्त का काम भी सौंपने की तैयारी है। शासन स्तर पर यह प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है और अब मंत्रिमंडल की मंजूरी का इंतजार है।
उत्तर प्रदेश ड्रग एंड फार्मास्युटिकल लिमिटेड (यूपीडीपीएल) की स्थापना लखनऊ में दवा निर्माण के एक सरकारी प्रतिष्ठान के रूप में हुई थी। राज्य सरकार ने यहां तमाम जीवन रक्षक दवाएं बनाने का फैसला लिया था, ताकि सरकारी अस्पतालों में सीधे आपूर्ति हो सके। बीते कुछ वर्षों से यह प्रतिष्ठान मरणासन्न है। प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) अरविंद कुमार के मुताबिक अब यूपीडीपीएल के जीर्णोद्धार का फैसला लिया गया है। इसकी उत्पादन क्षमता का आकलन हो चुका है और यहां दोबारा दवाओं का उत्पादन शुरू किया जाएगा। दवा उत्पादन क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जबर्दस्त प्रतिस्पद्र्धा है, इसलिए यहां प्रारंभिक रूप से जरूरी 12 दवाइयां ही बनाई जाएंगी। इन 12 जीवनरक्षक दवाइयों की आपूर्ति प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में होगी। कोशिश होगी कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों के लिए जरूरत भर की ये दवाएं यहां बन जाएं।
दवा बनाने के अलावा यूपीडीपीएल को दवाओं की खरीदफरोख्त के लिए प्रोक्योरमेंट कॉरपोरेशन के रूप में भी विकसित किया जाएगा। तमिलनाडु, राजस्थान व उड़ीसा में इस आशय के प्रयोग हुए हैं, जहां दवाओं की खरीद फरोख्त व रखरखाव के लिए अलग निगम बना दिये गए हैं। अभी दवाओं की खरीद का जिम्मा स्वास्थ्य महानिदेशालय के पास है और वहां आए दिन टेंडर से लेकर कई गड़बडिय़ों की शिकायतें मिलती रहती हैं। अब खरीद व रखरखाव के लिए अलग से अधिष्ठान होने के बाद ये शिकायतें तो दूर होंगी ही, दवाओं की कमी भी नहीं पड़ेगी। अभी केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) की दरों को आधार बनाया जाता है किंतु अलग अधिष्ठान होने पर प्रतियोगी दरें मिलना भी आसान होगा। इस संबंध में व्यापक प्रस्ताव तैयार हो गया है और जल्द ही मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

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