Monday 14 March 2016

फाइलेरिया यूनिट में कागजों से आगे न काम न कार्रवाई

----
-दो साल पहले भी दब चुका 25 अफसरों पर कार्रवाई का आदेश
-प्रमुख सचिव ने कहा, जांच में गड़बड़ी पर इस बार नहीं छोड़ेंगे
----
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : मलेरिया व फाइलेरिया पर अंकुश के लिए बनी फाइलेरिया यूनिट में कागजों से आगे न काम होता है न कोई कार्रवाई। दो साल पहले भी लापरवाही के आरोप में 25 अफसरों पर कार्रवाई के आदेश हुए थे किन्तु वह भी दब गए।
प्रदेश को फाइलेरिया मुक्त बनाने के लिए दस वर्ष से अधिक समय से मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) कार्यक्रम चल रहा है। इसके लिए हर जिले में फाइलेरिया यूनिट गठित की गयी है। दो वर्ष पहले जून 2014 में तत्कालीन स्वास्थ्य राज्य मंत्री नितिन अग्र्रवाल को इस अभियान में लापरवाही की जानकारी मिली तो उन्होंने राज्य स्तर पर पांच टीमें गठित कर जांच कराई थी। इस अभियान में लापरवाही के लिए इटावा, कानपुर, बाराबंकी, महाराजगंज, सोनभद्र, शाहजहांपुर, गोरखपुर, चित्रकूट, कानपुर देहात, फैजाबाद, मीरजापुर, सीतापुर, रायबरेली, रामपुर व औरैया के 25 अफसरों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री ने दिये थे।
उस समय जांच में पता चला था कि फाइलेरिया के खिलाफ पूरा अभियान ही कागजों पर चल रहा है। दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि मंत्री के निर्देशों के बावजूद इन दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। सिर्फ कानपुर के चार मलेरिया निरीक्षकों के तबादले किये गए। उनके तबादला आदेश में राष्ट्रीय वेक्टर बॉर्न डिसीज कंट्रोल कार्यक्रम के अंतर्गत एमडीए अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन में शिथिलता बरतने के आरोप लगाए गए थे। इस पर ये लोग अदालत चले गए थे। अन्य दोषी पाए गए अधिकारियों के खिलाफ आज तक कार्रवाई नहीं हुई है। अब एक बार फिर फाइलेरिया निवारण अभियान में लापरवाही उजागर हुई है। कर्मचारियों का कहना है कि लापरवाह अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी, इस पर संशय है। इस संबंध में प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) अरविंद कुमार का कहना है कि हर जिले में जांच कराकर लापरवाह कर्मचारी व अधिकारी चिन्हित किये जाएंगे। उन सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। गड़बड़ी करने पर किसी को भी इस बार नहीं बख्शा जाएगा।

No comments:

Post a Comment