Monday 21 March 2016

बड़े नेताओं ने संसद में बनाए रखा सन्नाटा


- पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च ने खोली यूपी के सांसदों की पोल
- लोकसभा से गायब रहने के साथ बहस व सवालों से भी रहते दूर
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : लोकसभा के बजट सत्र में प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रहे बड़े नेताओं ने सन्नाटा बनाए रखा। पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च ने उत्तर प्रदेश के सांसदों की पोल खोलते हुए दावा किया है कि ये लोग लोकसभा से गायब रहने के साथ ही बहस व सवालों से भी दूर रहे हैं।
पीआरएस ने 23 मार्च से 15 मार्च के दौरान बजट सत्र का आकलन किया है। इस दौरान प्रदेश के सांसदों की उपस्थिति का आकलन करने के लिए संसद के रजिस्टर में उनके हस्ताक्षर को आधार बनाया गया। बहस में सहभागिता के लिए व्यक्तिगत क्षमता या पार्टी की ओर से नामित किये जाने पर बोलने को जोड़ा गया। सवालों में तारांकित व अतारांकित, दोनों तरह के सवाल जोड़े गए हैं। मोदी मंत्रिमंडल के मंत्रियों को हटाकर शेष 68 लोकसभा सदस्यों का आकलन चौंकाने वाला रहा है। हरिबंश सिंह 58 सवालों के साथ सबसे आगे और धर्मेंद्र यादव 47 सवाल पूछ कर दूसरे स्थान पर रहे। पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने सर्वाधिक 131 बार बहस में हिस्सा लिया और भैरो प्रसाद मिश्रा 129 बार बहस में भाग लेकर दूसरे स्थान पर रहे।
डिंपल-हेमा सर्वाधिक गैरहाजिर
आकड़ों के मुताबिक 21 सांसद अब तक के सत्र में शत प्रतिशत उपस्थित हुए हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव 40 फीसद उपस्थिति के साथ सबसे पीछे हैं, वहीं सिने तारिका व भाजपा सांसद हेमा मालिनी 47 फीसद के साथ न्यूनतम उपस्थिति में दूसरे स्थान पर हैं। सांसद रेखा वर्मा भी महज 47 फीसद ही उपस्थित रहीं। हेमा व रेखा, दोनों ने एक भी सवाल नहीं पूछा और बस एक-एक बार बहस में भाग लिया।
बहस-सवाल में यादव परिवार पीछे
पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव सहित परिवार के सांसद बहस व सवाल में खासा पीछे हैं। स्वयं मुलायम ने 67 फीसद उपस्थित रहकर एक भी सवाल नहीं पूछा और महज दो बार बहस में हिस्सा लिया। डिंपल, अक्षय व तेजप्रताप ने न तो बहस में हिस्सा लिया, न सवाल पूछे। धर्मेंद्र ने जरूर 47 सवाल पूछे और दो बार बहस में हिस्सा लिया किंतु उपस्थिति 53 फीसद ही रही।
गांधी परिवार भी निष्क्रिय
रिपोर्ट के मुताबिक लोकसभा में गांधी परिवार भी निष्क्रिय रहा है। कांग्र्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 73 फीसद उपस्थित रहकर सिर्फ एक बार बहस में हिस्सा लिया और सवाल तो एक भी नहीं पूछा। राहुल गांधी संसद में मात्र 60 फीसद उपस्थित रहे और एक भी सवाल पूछे बिना दो बार बहस में हिस्सा लिया। 67 फीसद उपस्थित वरुण गांधी ने सिर्फ एक बार बहस में हिस्सा लिया और 13 सवाल पूछे।
भाजपाई दिग्गज भी रहे मौन
संसद में मौन रहने वालों में भाजपाई दिग्गज भी शामिल हैं। सांसद मुरली मनोहर जोशी की सदन में उपस्थित 73 प्रतिशत रही, किंतु उन्होंने एक बार भी बहस में हिस्सा नहीं लिया और एक भी सवाल नहीं पूछा। नौ अन्य भाजपा सांसदों अशोक दोहरे, बाबूलाल चौधरी, ब्रजभूषण शरण सिंह, धर्मेन्द्र कुमार, हरीओम पांडेय, कृष्ण प्रताप, कुंवर सर्वेश कुमार, नेपाल सिंह व सतीश कुमार ने न तो बहस में एक बार भी हिस्सा लिया, न ही एक भी सवाल पूछा।
उपस्थिति में आगे, सवालों में पीछे
यूपी के सांसद उपस्थिति के मामले में राष्ट्रीय औसत से आगे रहे किंतु सवाल पूछने के मामले में पीछे साबित हुए। रिपोर्ट के मुताबिक उपस्थिति के मामले में लोकसभा का कुल औसत 80 प्रतिशत है, तो प्रदेश के सांसद औसतन 85 फीसद उपस्थित रहे हैं। इस दौरान हुई बहसों में देश भर के लोकसभा सदस्यों का कुल औसत 3.6 है, वहीं प्रदेश के लोकसभा सांसदों ने औसतन 6.7 बार बहस में हिस्सा लिया। इसके विपरीत सवाल पूछने ने प्रदेश के लोकसभा सदस्य पीछे रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर पर सांसदों ने 14 सवाल पूछे, वहीं प्रदेश के सांसदों ने औसत नौ सवाल ही पूछे।

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