Friday 8 April 2016

पिछला लक्ष्य पूरा नहीं, नये ढूंढऩे पर जोर

--समाजवादी पेंशन--
-प्रमुख सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग कर जिलों को सौंपे नए लक्ष्य
-पुराने ढाई लाख के साथ नए दस लाख पेंशनर तलाशने को कहा
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ: अखिलेश सरकार भले ही समाजवादी पेंशन को अगले चुनाव में उतरने का बड़ा हथियार बताए, अफसरों की ढिलाई के चलते पुराना लक्ष्य ही पूरा नहीं हो सका है। अब नये पेंशनर ढूंढऩे पर जोर दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव हर मंच पर समाजवादी पेंशन योजना की प्रशंसा करते हैं। अगले विधानसभा चुनाव में भी वे समाजवादी पेंशन को बड़ा मुद्दा बनाने वाले हैं, इसलिए चुनाव पूर्व आखिरी वर्ष में इस योजना के लाभार्थियों की संख्या एक साथ दस लाख बढ़ाकर 55 लाख कर दी गयी है। मुख्यमंत्री भले ही समाजवादी पेंशन को अपने सरकार की फ्लैगशिप योजना बताएं, पर आंकड़े बताते हैं कि योजना के क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार समाज कल्याण विभाग दो वित्तीय वर्षों में लक्ष्य के अनुरूप लाभार्थी ढूंढऩे में सफल नहीं हो सका है। वित्तीय वर्ष 2014-15 में 40 लाख लोगों को समाजवादी पेंशन देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था किन्तु कुल मिलाकर 33 लाख 35 हजार लोगों को ही पेंशन का भुगतान किया गया। वित्तीय वर्ष 2015-16 में लाभार्थियों का लक्ष्य बढ़ाकर 45 लाख किया गया किन्तु पेंशन बमुश्किल 42 लाख 50 हजार लोगों तक ही मिल पायी।
बीते दो वर्षों में लक्ष्य से दूर रहने के कारण इस बार पुराने लक्ष्य के साथ दस लाख नए पेंशनर ढूंढऩा विभाग के लिए चुनौती ही है। इसीलिए समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुनील कुमार ने दो दिन तक हर जिले के समाज कल्याण अधिकारी से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बात की और पूरी योजना की समीक्षा की। इस दौरान उनके साथ संयुक्त निदेशक आरके सिंह व उप निदेशक पीके त्रिपाठी भी मौजूद थे। जिला समाज कल्याण अधिकारियों को बताया गया कि नए दस लाख पेंशन ढूंढऩे के साथ पिछले वित्तीय वर्ष के बकाया ढाई लाख पेंशनरों सहित कुल 12.5 लाख पेंशनरों की तलाश कर उन्हें लाभार्थी बनाना है। इसके लिए जिलावार मिले लक्ष्य की पूर्ति सुनिश्चित करने व अभी से जुट जाने को कहा गया है। लापरवाही होने पर कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहने की हिदायत भी दी गयी।

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