Friday 14 October 2016

मान्यता के इंतजार में अटकी आयुष काउंसिलिंग

-होम्योपैथी कालेजों में प्रवेश की अंतिम तिथि बढ़ाने का प्रस्ताव
-आयुर्वेदिक-यूनानी में 31 अक्टूबर तक पूरी होनी है प्रवेश प्रक्रिया
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ: प्रदेश के आयुष पाठ्यक्रमों, बीएचएमएस, बीएएमएस व बीयूएमएस में प्रवेश कालेजों की मान्यता के इंतजार में अटके हैं। होम्योपैथी कालेजों में तो 15 अक्टूबर तक प्रवेश भी हो जाने थे किन्तु अब यह तिथि बढ़वाने का प्रस्ताव भी किया गया है। आयुर्वेदिक व यूनानी कालेजों में प्रवेश प्रक्रिया 31 अक्टूबर तक पूरी होनी है।
प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में आठ आयुर्वेदिक, सात होम्योपैथी व दो यूनानी मेडिकल कालेज संचालित हैं। पिछले वर्ष तक इन सभी में प्रवेश उत्तर प्रदेश संयुक्त प्री-मेडिकल परीक्षा (सीपीएमटी) के माध्यम से होता था। एमबीबीएस व बीडीएस के बाद इन कालेजों में संचालित बीएएमएस, बीएचएमएस व बीयूएमएस के लिए अलग से काउंसिलिंग होती थी। इस वर्ष एमबीबीएस व बीडीएस के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रवेश परीक्षा, नीट को माध्यम बनाए जाने के कारण आयुष विधाओं के कालेजों के लिए अलग से प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया गया था। 15162 परीक्षार्थियों ने यह परीक्षा दी थी। बीती दो अक्टूबर को इस परीक्षा का परिणाम भी घोषित कर दिया गया, किन्तु अब तक काउंसिलिंग की तिथियां घोषित नहीं की गयी हैं। इसके बाद से परीक्षा में सफल विद्यार्थी परेशान हैं और उनके प्रवेश की राह नहीं खुल पा रही है।
दरअसल चिकित्सा शिक्षा महकमा मान्यता संकट के कारण अब तक आयुष काउंसिलिंग की तिथि नहीं घोषित कर सका है। बीएचएमएस के लिए सेंट्रल काउंसिल ऑफ होम्योपैथी की मान्यता होनी जरूरी है। इस वर्ष प्रदेश के सात में से चार होम्योपैथी कालेजों को अब तक यह मान्यता मिल सकी है। शेष कालेज अभी प्रतीक्षा में हैं। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बनाई गयी समय सारिणी के अनुसार बीएचएमएस कक्षाओं में 15 अक्टूबर तक प्रवेश पूरे हो जाने चाहिए। इस बार नीट को लेकर देश में अधिकांश प्रदेशों में आयुष पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया देर से शुरू हो सकी है। इसलिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इनकी भी प्रवेश तिथि बढ़ाकर 31 अक्टूबर करने का प्रस्ताव किया है। अब अधिकारी इसे लेकर आशान्वित हैं। बीएएमएस व बीयूएमएस में तो प्रवेश के लिए 31 अक्टूबर तक का समय है किन्तु मान्यता की फाइलें अटकी होने के कारण वहां भी समस्या आ रही है। इन दोनों पाठ्यक्रमों के लिए सेंट्रल काउंसिल फॉर इंडियन मेडिसिन से मान्यता मिलती है। बीयूएमएस के दोनों सरकारी कालेजों को यह मान्यता मिल चुकी है किन्तु बीएएमएस के आठ में से सिर्फ दो कालेज यह मान्यता पाने में सफल हुए हैं। निजी आयुर्वेदिक कालेजों में भी 17 में से सिर्फ आठ को मान्यता मिली है। आयुर्वेद निदेशक कुमुदलता श्रीवास्तव ने कहा कि मान्यता की प्रक्रिया चल रही है। काउंसिल ने जो सवाल पूछे थे, जवाब दे दिये गए हैं। जल्द ही काउंसिलिंग की तिथि घोषित हो जाएगी।
(10/10/16)

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