Wednesday 6 July 2016

एसएमएस कर बताएंगे फार्म भरने में हुई गलती


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-पूर्वदशम् व दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना में नई पहल
-संदिग्ध पाए जाने वाले आवेदनों में भी मिलेगा मौका
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : पूर्वदशम् व दशमोत्तर छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति योजना में गलत फार्म भरने के कारण लाभ से वंचित रह जाने वाले छात्र-छात्राओं के लिए अब नई पहल की गयी है। अब फार्म भरने के बाद कोई गलती होने पर विद्यार्थियों के पास एसएमएस से सूचना भेजने का फैसला हुआ है। सुधार का मौका संदिग्ध पाए जाने वाले आवेदनों में भी मिलेगा।
प्रदेश में समाज कल्याण विभाग द्वारा सामान्य व दलित, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा पिछड़े व अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति करने का प्रावधान है। इनमें दो लाख रुपये वार्षिक से कम आय वाले विद्यार्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति की जाती है। वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए आवेदन प्रक्रिया एक जुलाई से शुरू हो चुकी है। नौवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को 31 अगस्त और शेष सभी को 30 सितंबर तक का समय आवेदन के लिए मिला है। पिछले वर्ष तक आवेदन के दौरान विद्यार्थियों द्वारा जाति व आय प्रमाण पत्र के क्रमांक से लेकर हाई स्कूल व इंटरमीडिएट के अनुक्रमांक तक गलत भरने जैसी कमियां होने के मामले सामने आते रहे हैं। इस बार ऐसी कमियों से निपटने के लिए विभागों द्वारा दोहरी व्यवस्था की गयी है।
 समाज कल्याण विभाग के उपनिदेशक पीके त्रिपाठी के अनुसार इस बार फार्म पूरा भरने के बाद अंतिम रूप से आवेदन लॉक करने के लिए विद्यार्थियों के स्तर पर भी तीन दिन का समय दिया जाएगा। फार्म भरने के शुरुआती दौर में ही विद्यार्थियों से उनका मोबाइल नंबर भी लिया जाएगा। इसके बाद तीन दिनों में विभागीय स्तर पर जाति व आय प्रमाण पत्र, अंक पत्रों आदि का सत्यापन किया जाएगा। उसमें कोई गलती पकड़े जाने पर विद्यार्थियों को एसएमएस से सूचना दी जाएगी। यही नहीं फार्म को अंतिम रूप से लॉक करने के लिए विद्यार्थी जब ऑनलाइन आएंगे, तो उनकी गलती से जुड़ी जानकारी फ्लैश करेगी, ताकि वे उसे सही कर सकें। यही नहीं फार्म भरने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद एनआइसी व विभाग के स्तर पर संदिग्ध आवेदन चिह्नित किये जाएंगे। इन आवेदनों को पहली नजर में ही खारिज नहीं किया जाएगा। गलती पाए जाने पर एक से दस दिसंबर के बीच विद्यार्थियों व उनके संस्थानों को संदेह समाप्त करने का अवसर दिया जाएगा। इसके बाद छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति आवेदनों का अंतिम निस्तारण होगा।
13 लाख से ज्यादा थे वंचित
वित्तीय वर्ष 2015-16 में गलत जानकारी व संदिग्ध पाए जाने के कारण 13 लाख से अधिक विद्यार्थी छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति पाने से वंचित रह गए थे। पिछले वर्ष कुल 1.96 लाख विद्यार्थियों को पूर्वदशम् व 23.55 लाख को दशमोत्तर छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ मिला था। 13 लाख से अधिक विद्यार्थी आवेदन में गलतियां व आवेदन संदिग्ध पाए जाने के कारण इसका लाभ नहीं उठा सके थे। एक लाख विद्यार्थी तो केवल प्रमाणपत्र क्रमांक या अनुक्रमांक या खाता संख्या गलत भरने के कारण छात्रवृत्ति से वंचित रह गए थे। 12 लाख के आसपास आवेदन संदिग्ध मिले थे। नई व्यवस्था से इसमें सुधार की उम्मीद है।

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