Wednesday 8 June 2016

पीएम के दौरे में नहीं रहती पुख्ता इलाज की व्यवस्था


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-आइबी की रिपोर्ट के बाद केंद्र ने जताई आपत्ति
-राज्य सरकार ने नए सिरे से जारी किये दिशा-निर्देश
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रदेश दौरे में इलाज की पुख्ता व्यवस्था नहीं होती है। खुफिया ब्यूरो (आइबी) की इस रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार से इस बाबत आपत्ति दर्ज कराई है। इस पर राज्य सरकार ने नए सिरे से दिशा निर्देश जारी किये हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी तो उत्तर प्रदेश में है ही, अन्य जिलों में भी उनके दौरे होते रहते हैं। अगले वर्ष प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अब तो जल्दी-जल्दी उनका उत्तर प्रदेश प्रवास होने की उम्मीद है। इसी बीच उनके प्रदेश प्रवास के दौरान इलाज की समुचित व्यवस्था न होने की बात उठी है। भारत सरकार के स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ.जगदीश प्रसाद ने प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन को पत्र लिखकर इस बाबत आपत्ति जताई है। उन्होंने बताया है कि खुफिया ब्यूरो द्वारा प्रधानमंत्री के उत्तर प्रदेश दौरे के दौरान स्वास्थ्य व उपचार संबंधी प्रबंध पर्याप्त न होने की बात उनके संज्ञान में लाई गयी है। उन्होंने इन स्थितियों को देखते हुए प्रदेश सरकार से संबंधित एजेंसियों को प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान मानकों के अनुरूप व्यवस्था करने के निर्देश देने को कहा है। साथ ही सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर नियमित रूप से अस्पतालों व अस्पतालों के बाहर की आपात स्थितियों का आकलन करने के लिए 'मॉक-ड्रिलÓ (पूर्वाभ्यास) करने का सुझाव भी दिया है।
इस पत्र के बाद मुख्य सचिव ने प्रदेश के सेहत महकमे को सक्रिय किया है। इस पर प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) अरविंद कुमार ने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों व अधीक्षकों को मानकों के अनुपालन संबंधी निर्देश जारी किये हैं। किसी तरह की चूक होने पर सीधे इन लोगों की ही सीधी जवाबदेही व कार्रवाई होने की बात भी कही है। इसमें हवाई अड्डे या हेलीपैड, रास्ते, कार्यक्रम स्थल और विश्राम स्थल पर सतत चिकित्सकीय बंदोबस्त सुनश्चित करने को कहा गया है। इसके लिए रक्त सहित अन्य प्रबंधों के साथ वीवीआइपी मेडिकल रेस्पांस टीम की रूपरेखा भी सभी को भेजी गयी है।
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आकस्मिक इलाज मुश्किल
पत्र के अनुसार खुफिया विभाग ही नहीं, प्रधानमंत्री के निजी फिजीशियन ने भी इलाज के बंदोबस्त अपर्याप्त पाए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को दी गयी रिपोर्ट में कहा गया है कि सूबे में पीएम के दौरे के समय आकस्मिक इलाज की स्थितियां भी मुश्किल होती हैं। राज्य व स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराई जाने वाली एंबुलेंस मानक के अनुरूप उपयुक्त ('अप टू द मार्कÓ) नहीं होती हैं। इसमें भी विशेष रूप से किसी चिकित्सकीय आपात स्थिति से निपटने के लिए उनकी तैयारी ('ऑपरेशनल रेडीनेसÓ) पर्याप्त नहीं होने की बात कही गयी है।

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